निंदा से मत डरो, लेकिन

Ninda Se Mat Daro


जीवन में कभी भी अपनी निंदा से मत डरिये ,
अगर डरना ही है तो निंदनीय कार्य करने से डरिये ।

निंदनीय कार्य ही हमे नीच बनाते है ,अगर हम कोई भी निंदनीय कार्य न करे तो फिर अगर कोई चाहे जितनी मर्जी हमारी निंदा कर ले ,हमे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए । क्यूंकि जब हम कोई गलत काम ही नहीं कर रहे तो लोग हमारी निंदा भी किस बात की करेंगे ? अगर फिर भी हमारी बुराई कर रहे है तो समझ लीजिये कि अब आपने कुछ ख़ास करना शुरू कर दिया है ,जो दुसरो से सेहन नहीं हो रहा ।