जिंदगी में इंसान तभी सीखता है,जब

Zindagi Me Insan Tabhi Seekhta Hai


इंसान न ही खुशी के लम्हो में सीखता है
और न ही दुख के लम्हो में

सीखता है तो सिर्फ
या तो कुछ पाकर
या कुछ खोकर।

और सबसे अधिक तो खोकर ही सीख मिलती है, क्योंकि तभी एहसास होता है कि जो खोया उसकी क्या कीमत थी और उसके साथ जीवन मे क्या रौनक थी।

जिंदगी में हम जो कुछ प्राप्त करते है या जो कुछ गंवाते है, उन्ही से हमारा सुख और दुख तय होता है और यह जरूरी नही कि खोकर सिर्फ दुख ही मिले। इतना याद रखना ,जिंदगी में कई बार कुछ खोना, कुछ पाने से भी अधिक खुशी दे जाता है और ऐसी खुशी जो जीवन भर साथ रहती है।