अक्ल बढ़ी या किस्मत (Akal Badi Ya Kismat)

Gyan Punji image

एक बार अक्ल और किस्मत में बहस हो गई कि दोनों में से अधिक प्रभावशाली कौन है ? किस्मत ने कहा कि अगर मैं हूँ तो किसी को भी अमीर बना सकती हूँ लेकिन अक्ल तो अक्ल थी और वह समझदार होती ही है ,उसने किस्मत से कहा तुम बेशक किसी को भी अमीर बना सकती हो लेकिन अगर तुम किसी की किस्मत बनकर उसको अमीर बनाने के लिए जाती हो तो मेरा होना जरूरी है नहीं तो उस व्यक्ति के साथ बहुत बुरा हो सकता है अगर उसके साथ मैं (अक्ल) न होऊ और सिर्फ तुम ही (किस्मत) होगी।

लेकिन किस्मत यह  बात मान नहीं रही थी और अपनी बात पर ही टली थी कि मैं अकेली ही किसी को भी अमीर बना सकती हूँ, तुम्हारी कोई जरूरत नहीं।

यह भी पढ़े : रूप नहीं किस्मत मांगे (Roop Nahi Kismat Mange)

अक्ल और किस्मत दोनों में यह फैंसला हुआ कि चलो आज फिर आजमाकर देख ही लेते है। किस्मत ने कहा कि “चलो ठीक है ,मैं साबित कर दूंगी कि मैं अकेली ही सब कुछ कर सकती हूँ किसी को भी अमीर बनाने के लिए।”

अब किस्मत की परीक्षा शुरू हुयी और  वो एक नासमझ किसान के पास गई और अब किस्मत अपना खेल दिखाने लगी।

एक किसान था। उसके पास खेती करने के लिए इतनी जमीन थी कि वो अपना गुजारा आसानी से कर लेता था।

यह भी पढ़े : समझदार पत्नी (Intelligent Wife)

एक
बार की बात है किसान ने फसल बोई लेकिन कुछ महीनों बाद जब फसल उगनी थी तब
वह अपने खेतों को देखकर अपना माथा पीटने लग जाता है। वह देखता है कि उसके
खेत में फसल की जगह पत्थर ही पत्थर बिखरे पड़े है।

किसान बहुत ही निराश हो जाता है कि उसने खेत में तो फसल बोई थी लेकिन पत्थर कहाँ से आ गए।

तभी
उधर से एक व्यक्ति निकलता है (जो कि उस राज्य का मंत्री था) और वह उस
किसान के खेतों को देखता है और आश्चर्यचकित हो जाता है। क्यूंकि उस  किसान
के खेत में पत्थर नहीं बल्कि बेशकीमती मोती ही हर जगह बिखरे पड़े थे।

यह सब देखकर मंत्री से रहा न  गया और वह किसान के पास जाकर पूछता है कि आपके खेत में इतने मोती!

किसान
नासमझ था उसे  पता ही नहीं था कि मोती क्या होते है, उसके लिए तो बस यह सब
पत्थर थे। इसलिए वह मंत्री को कहता है कि ,”आपके सामने ही है जो भी है, अगर
आपको चाहिए तो आप ले जा सकते है, जितने भी लेना चाहते है। “

मंत्री किसान की बात सुनकर बहुत ही हैरान होता है कि इस व्यक्ति को कोई भी परवाह नहीं और आसानी से कह रहा है कि आप ले जा सकते है।

मंत्री को तो  इन पथरों की कीमत मालुम थी लेकिन किसान के पास ज्ञान नहीं था इसलिए उसके लिए यह सब सिर्फ पथर ही थे।

यह भी पढ़े : अपने डर पर जीत हासिल करे (Conquer Your Fear)

किस्मत बहुत ही निराश हो जाती है और सोचती है मैंने इसको इतने सारे मोती दिए ,इतना धनवान बनाया लेकिन इसको कोई समझ ही नहीं और उसे लगा कि वह हार गई।  एकदम से किस्मत को ख्याल आया कि वह क्या सोचने लग गई क्यूंकि उसने सोचा था कि “इसको कोई समझ ही नहीं।” समझ तो अक्ल होती है इसलिए उसने फिरसे सोचा की मैं अभी हार नहीं मानूंगी आगे भी कोशिश करूंगी।

तो दोस्तों अब जान ही गए होंगे कि अकेली किस्मत कुछ भी नहीं कर सकती अगर उस किसान के पास अक्ल होती तो शायद वो उन पथरो की कीमत समझ जाता ,लेकिन उसके पास सिर्फ kismat थी akal बिलकुल भी नहीं थी। किस्मत के काम करने के लिए अक्ल का होना भी बहुत जरूरी है। अगर आप अभी भी नहीं समझे तो कोई बात नहीं अभी यह कहानी खत्म नहीं हुयी ,यह सिर्फ कहानी का एक part था ,इस कहानी का दूसरा part भी जल्द ही post करूंगा बस थोड़ी-सा इन्तजार कीजिये। 

इस कहानी का अगला Part पढ़ने के लिए click करें