बीफ यानी कि गाय का मांस, इसे खाना सही है या फिर गलत?

हमारे देश मे प्रत्येक नागरिक अपने खान-पान ,रहन-सहन को लेकर स्वतंत्र है। इसलिए जो जैसा करता है,उसे उसकी स्वतंत्रता कह दिया जाता है और कहते है कि कोई भी कुछ भी करने या खाने पीने को लेकर आजाद है। लेकिन फिर भी कुछ पाबंदियां है, जिनमे से कुछ तो निराधार है और कुछ तो ऐसी भी है कि नासमझी है। कुछ इसी नासमझी की वजह से कई जगह तो पाबंदियां लग ही नही सकी, जबकि वहां पाबंदियां होनी चाहिए थी। जैसे कि कश्मीर में आतंकवादी हमारी फौज पर इतने हमले करते है,लेकिन फौज पर इतनी पाबंदियां है कि वह अपना बचाव ही नही कर पाती।

यह भी पढ़े : मांस का मूल्य (Price Of Flesh)

और दूसरी तरफ जैसे कि सोशल मीडिया पर फर्जी खाते बनाने पर पाबंदी होनी चाहिए और उसपर कड़ी कार्यवाही भी होनी चाहिए क्योंकि इससे बहुत से लोगो को धोखा मिलता है और नुकसान भी होता है,लेकिन इसकी कोई पाबंदी नही है। और लोग इसी के माध्यम से अफवाहे भी फैलाते है ,लेकिन इसपर कोई पाबन्दी नहीं है।

कुछ ऐसा ही बीफ के मामले में है।

इसपर बात करने से पहले कुछ अन्य बातों पर ध्यान देते है।

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

सलमान खान पर अभी तक काला हिरण के शिकार का केस चल रहा है, जबकि यह हिरण किसी का पालतू नही था, न ही किसी की कोई धार्मिक भावना इससे जुड़ी थी।

अगर किसी के पालतू कुत्ते को कोई डंडा वगैरह मार दे तो उस कुत्ते का मालिक दूसरे की जान लेने को पड़ता है,जिसने भी उसके कुत्ते को मारा हो।

पालतू तो छोड़िये…. गली के कुत्ते को भी अगर कोई बाहर का आकार मारने लगे, तो उसे भी सभी गली-मोहल्ले वाले एकदम से पड़ेंगे कि इसने तुम्हारा क्या बिगाड़ा?

यह तो सब अपने ही देश मे होता है- ऐसी भी घटनाये है जो है दूसरे देशों की है ,लेकिन भारतीयों को भी उनके प्रति काफी सहानुभूति है-

चीन में डॉग फेस्टिवल (Dog Festival) मनाया जाता है,जिसमे कितने ही कुत्तो को काटा… ओह! सॉरी…कितने ही बेकसूर कुत्तों को काटा जाता है और फिर उन्हें खाया जाता है। इसको लेकर सभी देशों में आपत्ति है कि कुत्तो को बहुत ही बेरहमी से मारते है। खैर छोड़िये…मुझे वहां का इतना मालूम नही… अब असल मुद्दे की बात पर आते है।

बीफ

वैसे तो यह शब्द मुझे लिखना भी गवारा नही…लेकिन अपनी और अन्यों की बात रखने के लिए लिखना पढ़ रहा है।

हांजी…क्या बीफ जायज है? और क्या सड़कों पर गऊ हत्या भी जायज है? एक और बात पर मैं आता हूँ आजकल fighting/action games का बहुत चलन है, जिसपर उच्च ज्ञानी वैज्ञानिको(वैसे हम तो यह बात बचपन से ही जानते है क्योंकि भारतीय सभ्यता के पौराणिक शास्त्रों में सब कुछ बताया गया है) का कहना है कि इससे युवाओ की सोच आकरात्मक होती है। तो क्या ऐसे सड़क पर किसी निर्दोष को मारना सही है?क्या इससे नही किसी की सोच पर बुरा प्रभाव पड़ेगा?

यह भी पढ़े : अहिंसक राजा मेघरथ (Ahinsak Raja Meghrath)

तो इससे बीफ का क्या लेना देना? अब बात पर आते है…. अगर हिरण का शिकार करने से किसी पर इतना लंबा मुकदमा चल सकता है, अगर कोई पालतू कुत्ते को मारने से दूसरे को हानि पहुंचा सकता है, अगर दूसरे देश के कुत्तो के प्रति हमारे देश के लोगो मे सहानुभूति हो सकती है। तो हमारी अपनी गाय माता के प्रति इतना अत्याचार क्यों? गाय को मां का दर्जा दिया गया है क्योंकि गाय हमारा ख्याल बच्चो की तरह रखती है। गाय के साथ धार्मिक और सामाजिक भावनाएं जुड़ी है, तो फिर गाय का वध क्यों?

ऊपर लिखा था कि कुछ पाबंदियां बेबुनियाद है और कुछ तो है ही नही। मुझे तो आजतक नही समझ आता, हमारा देश जानवरो के हितों में है या फिर अहित में? मुर्गे का मांस साधारणतः हर शहर में बिकता है। तो फिर मुर्गे के बीच मे होने वाली लड़ाई पर प्रतिबंध क्यों? अगर मुर्गे में जान है, उसके हितों की चिंता है तो फिर मुर्गे का मांस भी नही होना चाहिए।

लेकिन गाय का मांस तो बिल्कुल ही नही होना चाहिए क्योंकि इससे भारत के बहुत बड़े वर्ग के लोगो की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है।

जीवन हर एक जीव मे है

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

किसी का बच्चा बीमार पड़ जाए तो उसे कैसे चिंता हो उठती है, हाय! मेरा बच्चा।

किसी को मामूली-सी चोट भी लग जाये तो कैसे कराह उठते है और मौत से हमेशा दूर भागना चाहते है।

तो फिर यह भी समझिये कि हर एक जानवर में भी प्राण है,उन्हें भी अपनी जिंदगी प्यारी है। घिनोने अपराध मत करिए और ईश्वर को याद रखिये। जिस प्रकार इंसानो को ईश्वर ने रचा है, वैसे ही यह जानवर भी उनकी ही रचना है। जानवर खाने की चीज नहीं बल्कि कुदरत/वातावरण को संतुलित बनाएं रखने के लिए जरूरी है। कुदरत के नियमो के खिलाफ न जाये और सिर्फ वनस्पति आहार ही ले ,हमेशा शाकाहार ही खाये क्योंकि शाकाहार ही उत्तम आहार है।

यह भी पढ़े : महात्मा बुद्ध और राजा अजातशत्रु (Mahatma Buddha & Raja Ajatashatru)

और अगर गऊ माता की बात करते हो कि गऊ माता कैसे हुयी ,तो यह लेख जरूर पढ़िए गाय हमारी माता कैसे है

Searchable Keywords 
Gau Mata
Why Beef should be banned
Beef sahi ya galat

Nikhil Jain

View Comments

  • It was very useful for me. Keep sharing such ideas in the future as well. This was actually what I was looking for, and I am glad to came here! Thanks for sharing the such information with us.

  • Very informative, keep posting such good articles, it really helps to know about things.

Recent Posts

सोचने से कुछ न होगा… करने से होगा Daily Motivation in Hindi

सोचने से कुछ न होगा… करने से होगा Daily Motivation in Hindi   दोस्तों, जब…

1 month ago

कल कर लूँगा – Daily Motivation in Hindi

Article on Procrastination in Hindi   दोस्तों आज मैं इस साइट पर एक Daily Motivational…

1 month ago

Money Management in Hindi – पैसों की समझ को बढ़ाती हिंदी लेख

Money Management Series #1 – in Hindi   आपने बचपन से लेकर अभी तक Time…

5 months ago

सुभद्रा कुमारी चौहान जीवनी (Subhadra Kumari Chauhan Biography in Hindi)

साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है और इसके निर्माण में कुशल और प्रभावी…

9 months ago

कल्पना चावला जीवनी (Kalpana Chawla Biography in Hindi)

भारत की वो बेटी जिसने पूरे विश्व में भारत का नाम ऊंचा किया, न केवल…

9 months ago

रामकृष्ण परमहंस जीवनी (Ram Krishna Paramhans Biography in Hindi)

हमारे मनुष्य जीवन में भक्ति से बड़ा कोई कार्य नहीं। सभी मनुष्य की भक्ति में…

9 months ago