प्रेरणादायक कहानियाँ

गुस्सा करने से अपनी ही हानि होती है

क्रोध करने से व्यक्ति
अपनी ही हानि करता है।

इससे दूसरे को कम
लेकिन स्वयं को अधिक
सजा मिलती है।

 

जो क्रोधी है उसे कोई सजा देने
की आवश्यकता नही ,

उसका क्रोध ही उसे सबसे बड़ी
सजा देगा जिससे वह बच न पायेगा।

क्योंकि क्रोध करने से स्वयं का ही नुकसान होता है। दिमाग पर जोर इतना अधिक बढ़ जाता है कि, वह क्रोधी के ही शरीर को नष्ट करने लग जाता है।

 

Nikhil Jain

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  • पानी को कितना भी गर्म कर लें पर वह थोडी देर बाद अपने मूल स्वभाव में आकर शीतल हो जाता है । वैसे ही व्यक्ति का मूल स्वभाव निर्भयता और प्रसन्नता है । इसलिए उसे अपने इसी स्वभाव को ही अपनाना चाहिए। क्रोध से अशान्ति के शिवा कुछ हासिल नही होता है । इस उत्तम विचार को शेयर करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।

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Nikhil Jain

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