ऐसी बातें जो माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सीखाएं

हर अभिभावक चाहता है कि उनका बच्चा उनसे भी अच्छा इंसान बने । इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसी अच्छी आदतें बताएंगे जो आपको बच्चों को जरूर सीखानी चाहिए।

इसीलिए इस बदलती दुनिया में वह संवेदनाएं बचाये रखने की कोशिश में लगा रहता है । इन्हीं में से एक है प्रकृति और प्राणियों की परवाह।

आज के इस जमाने में दिक्कतें कम होने का नाम ही नहीं लेती, जैसे प्रदुषण, वृक्षों की कटाई आदि सब बढ़ रहा है, जिसके कारण प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचता है। Global Warming हो रही है । संकट कम होने का  नाम नहीं ले रहे है ।

इस प्रकार की प्राकृतिक समस्याएं बढ़ने के कारण पक्षियों के खाने पीने के स्त्रोत भी कम होते जा रहे है ।

कभी वे अपनी प्यास से हार कर दम तोड़ देते है, तो कभी ओलावृष्टि होने के कारण संकट बढ़ जाता है । शहरीकरण और वृक्षों की कमी होने के कारण इन्हें कही ठहरने का भी सही स्थान नही मिल पाता।

इस बदलते युग में हमें अपने आगे आने वाली पीढ़ी को कुछ नई – नई बातें बताना चाहिये।

बच्चों को दुसरो के हित के बारे में सोचना भी सिखाना चाहिए। जब बच्चे दूसरों का हित सोचेंगे तभी प्रकृति का भी सन्तुलन सही से रह पाएगा। तो कुछ बातें है जो बच्चों को आपको जरूर सीखानी चाहिए।

हम शुरुआत कुछ इस तरह भी कर सकते है ।

ऐसी बातें जो माता-पिता बच्चों को जरूर सिखाएं

दाना पानी रखना सिखाये :

बच्चों को पक्षियों के लिये दाना- पानी रखने की सीख दे ।

उनसे वादा ले कि वह रोज चिड़ियों के लिये एक सुरक्षित स्थान पर खाना रखेंगे । अगर आपके घर के आस-पास चिड़ियाँ/पंक्षी आते है तो अपने घर पर रखिए, नही तो आपके नजदीकी जो भी पंक्षियों के खाने – पीने का स्थान हो (जैसे कि गौशाला, पार्क जहां पंक्षियों के लिए अलग से स्थल हो) वहां रखे।

घोंसला न तोड़े :

बच्चों को बताये कि अगर किसी जगह पर पक्षी निवास करता है तो कभी भी उनका घर न तोड़े और न किसी और को तोड़ने दे ।

प्रकृति के करीब लायें :

कभी भी कही बाहर जाये तो अपने आसपास मिलने वाले फलों और फूलों के बीज अपने साथ अवश्य साथ लेकर आये |

उन बीजों को उचित स्थान पर फैला दे ताकि वे पेड़-पौधे बढ़ कर जंतुओं के भोजन के काम आ सके और वातावरण को भी शुद्ध करने में सहाई हो।

पशुओं के साथ खेलने से न रोकें :

यदि आपके घर के आसपास कुत्ते या कुत्ते के बच्चे है और आपके बच्चे को उनके साथ खेलना पसंद है तो उन्हें अत्यधिक रोक-टोक न करें। साथ ही साथ यह भी बताये कि बड़े कुत्ते को कभी मारे या भगाए नहीं उसके साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करें ।

उनकी कद्र करना व देखभाल करना भी सिखाये | बच्चों को बतायें जब भी उन्हें भोजन खिलाये।

सर्दी के समय में अपने आसपास रह रहे कुत्तों या जानवरों की आप अपने area के हिसाब से उनकी देखभाल भी कर सकते है, जैसे कि रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह।

नोट- जानवरों से खेलने से रोकने से मना न करे, लेकिन उचित सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।

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मांसाहार/मदिरा आदि के सेवन से दूर रखें

भले ही आज के समय में मांसाहार का सेवन बढ़ रहा हो, लेकिन यह एकदम गलत है। एक तरफ हम प्रकृति और जानवरों से प्रेम की बात कर रहे और दूसरी तरफ अगर उन्ही को मारकर खाए तो यह तो दोगलापन हुआ। जिस तरह हम इंसानों में जान है, हमे अपना जीवन प्रिय है, वैसे ही अन्य सब जानवरों को भी अपना जीवन प्रिय है।

इसलिए शुद्ध शाकाहारी ही बने और ऐसी ही शिक्षा दें। किसी को मारने से आजतक किसी भी सकून न मिला।

सेहत का ध्यान रखे :

बच्चों को अपने साथ रह रहे और आसपास रहने वालों लोगों की परवाह करना सिखाना चाहिये ।

उनके कामों में उनकी कैसे मदद करना यह भी आप उनको समझा सकते है ।

  • किसी बूढ़े आदमी को रास्ता पार कराने में उनकी मदद करें ।
  • अपने दोस्तों के साथ अच्छा व्यवहार करें ।
  • बच्चे किसी से कोई भी ऐसी बात न बोले जो कि किसी अन्य को आंतरिक दुःख पहुंचायें ।

सबका ख्याल रखना हमारा परम् कर्तव्य है। हम सभी को इस बात का हमेशा ध्यान रखना है । ऐसे ही अन्य अनेक गुण है जो बच्चों को माता-पिता द्वारा बचनपन में ही जरूर सीखाने चाहिए।

और न सिर्फ बच्चों को, अगर आप बड़े है और इन गुणों से दूर है,तो इन गुणों का पालन आपको भी करना चाहिए।

ऐसा करने से कोई भी न सिर्फ समाज में एक नेक इंसान के रूप में जाना जाएगा बल्कि भगवान की भी कृपा दृष्टि ऐसों पर रहती है।