कड़वा सच; जो जोड़ता है, वह तो चुभेगा ही

कड़वा सच; जो जोड़ता है, वह तो चुभेगा ही (Kadvi Baat; Jo Jodta Hai, Veh To Chubhega Hi)

दोस्तों अक्सर लोग अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से परेशान रहते है। उन्हें यही शिकायत रहती है कि बड़े हमेशा रोकते-टोकते रहते और उन्हें वह अपनी ज़िन्दगी में नुकीली सुई की तरह चुभने लगते है।

भले ही वह सही कह रहे हो, लेकिन हम ऐसे कहाँ कि उनकी बात को समझ सके? इसलिए हम हमेशा उनसे परेशान ही रहते है।

लेकिन दोस्तों ज़िन्दगी में एक बात याद रखिये

जो सुई कागजों को समेत कर रखती है
वही कागजों को चुभती है
और उसके कारण उनमे छेद भी बो जाता है
लेकिन उन्हें भिखरने नही देती।

दोस्तों हमारे घर के बड़े-बुजुर्ग या अन्य कोई भी जिसने भी सबको समेटकर रखा हुआ है, भले ही वह चुभे और भले ही इससे हल्का से आपमे छेद हो जाए यानी कि आपको लगे आपका कोई सुपना पूरा नही करने दे रहे या फिर किसी उपलब्धि को हासिल करने से रोक रहे है, तो जरा सोच लीजियेगा कि उन्होंने आपके परिवार को किस प्रकार सहेजकर रखा हुआ है?

भले ही वो सुई रूपी आपको चुभते रहे लेकिन उनका भी सोच लीजियेगा कि वह एक अकेले सुई रूपी है, जिनका साथ देने वाला कोई नही, लेकिन अन्य सबको साथ बांधकर रखा हुआ है। उन्होंने आप सब में प्यार को बरकरार रखने में क्या-क्या त्याग दिए होंगे?

एक बार यह भी विचार कर लीजियेगा।

दोस्तों अगर आप इस आर्टिकल को अच्छे से समझ जाएं तो आप यह भी समझ लेंगे कि परिवार में प्यार को कैसे बनाये रखे।

विचार कर लीजियेगा दोस्तों और अपना विचार हमारे साथ भी सांझा करना मत भूलियेगा। अगर तह विचार पसन्द आया हो तो इस विचार को आगे भी सांझा करना मत भूले।