श्री रामचंद्र जी की वापसी
दीपावली का त्यौहार दशहरे से 20 दिन बाद मनाया जाता है। दशहरे वाले दिन ही श्री रामचंद्र जी ने लंका के राजा रावण का वध किया था।
जानिये जैन धर्म में दिवाली किस मान्यता को लेकर मनाई जाती है
रावण का वध करके जब रामचन्द्र जी चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके वापिस अयोध्या लोटे थे ,तब उनके आने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर सारा नगर रोशन किया था ,उस दिन से सभी हिन्दू कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्यौहार मनाते है।
हिरण्यकश्यप
दिवाली का त्यौहार मनाने की एक अन्य मान्यता भी है।
कहते है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार धारण करके अत्याचारी और नास्तिक हिरण्यकश्यप का वध किया था।
देवी लक्ष्मी
पौराणिक कथायों के अनुसार कहा जाता है कि जब देवता समुद्र मंथन कर रहे थे तब इसी दिन समुद्र मंथन करते समय ,दूध के सागर से जिससे केसर का सागर भी कहा जाता है ,वहां से धन की देवी ,देवी लक्ष्मी उत्पन्न हुयी थी और उन्होंने सभी को सुख एवम समृद्धि का वरदान दिया था ,इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
जानिये सिख धर्म में दिवाली की मान्यता
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Bahut acchi jankari.....isme se do bate mujhe pata nahi thi.....Dhanyavad!
mujhe khushi huyi ki aapko is blog par likha yeh lekh psnd aaya .