समझदार पत्नी (Intelligent Wife)

रतनपुर गाँव में मूलचंद नाम का वृद्ध व्यक्ति रहता था। वह एक दुकान पर काम करके अपना गुजारा किया करता था।एक दिन की बात है वह गेहूँ के बोरो को पीठ पर लादकर दूकान पर ले जा रहा था। तभी उसका संतुलन बिगड़ने की वजह से वह भी बोरो के साथ गिर गया। कुछ गेहूँ बोरे में से निकलकर जमीन पर भी गिर गयी थी। वह सारी गेहूँ ज़मीन से उठाकर बोरे में भरने लगा, तभी दुकान मालिक ने उसे देख लिया। वह बोला कि “मूलचंद बोरे ढोना अब तुम्हारे बस की बात नहीं रही। तुम बूढ़े हो गए हो। अब घर बैठकर भगवान का नाम लिया करो। कल से मत आना।”

मूलचंद बहुत गिड़गिड़ाया कि पत्नी और बच्चों का क्या होगा, हम अब क्या खाएंगे,आप मुझे कोई भी काम दे दीजिये, लेकिन निकालिये मत। पर उसके दुकान मालिक ने उसकी एक न सुनी और उसे निकल दिया।

मूलचंद घर आकर रोने लगा। जब पत्नी ने देखा तो उसने पूछा की क्या हुआ ,आप ऐसे रो क्यों रहे हैं ? मूलचंद ने सारी बात अपनी पत्नी को बता दी। उसकी पत्नी ने कहा कि कोई बात नहीं, आप चिंता न करे, जब तक जितना कर सकते थे, आपने हमारे लिए किया। अब जो भी करेंगे मिलकर करेंगे।

पत्नी की बात से मूलचंद को राहत मिली। लेकिन फिर मूलचंद बोला हम करेंगे क्या ?

उसकी पत्नी ने कहा कि हम अपनी दूकान खोलेंगे ,आप जब घर के खर्चे के लिए मुझे पैसे दिया करते थे ,तो उसमे से मैंने अब तक इतने पैसे तो बचा ही लिए है कि हम अपनी एक छोटी-सी दुकान खोल सके, जिससे हमारा गुजारा अच्छे से हो जायेगा।

यह सुनकर मूलचंद की ख़ुशी का ठिकाना न रहा और अपनी से पत्नी बोला, “मैं बहुत भाग्यशाली हूँ, जो मुझे तुम पत्नी के रूप में मिली, तुमने हमारे घर-परिवार को बहुत ही अच्छे से संभाल कर रखा।”

उसके बाद मूलचंद ने अपनी दुकान खोल ली। धीरे-धीरे उसका काम भी काफी अच्छा हो गया।

सच ही कहते है, “पत्नी अगर समझदार हो तो घर को ही स्वर्ग बना  देती है।”